Thursday, December 31, 2009

सूचना अधिकार अधिनियम संशोधन के खिलाफ "विरोध मार्च"


सूचना का अधिकार अधिनियम में बिहार सरकार द्वारा किये गए संशोधन के खिलाफ एवं जानकारी मांगने वालों को प्रशासन द्वारा प्रताड़ित किये जाने के खिलाफ मानवाधिकार संगठन "मिशन आई इन्तरनेशनल सर्विस" ने २९ दिसंबर 2009 को मुजफ्फरपुर (बिहार) में "विरोध मार्च" का आयोजन कियासंगठन अध्यक्ष संतोष सारंग के नेतृतव में यह मार्च खुदीराम बोस स्मारक स्थल से चलकर कचहरी होते हुए कल्याणी चौक पर पंहुचकर सभा में तब्दील हो गया। सभा को संबोधित करते हुए श्री सारंग ने कहा कि यह संशोधन आम जनों के हक़ में नहीं है। संशोधन लागू होने से सूचना प्राप्त करना कठिन हो गया है।
उपाध्यक्ष व संयोजक डॉ हेम्नारायण विश्वकर्मा ने कहा कि इतनी जागरूकता के बाद भी सूचना अधिकार क़ानून का प्रयोग देहाती क्षेत्र के लोग ज्यादा व् शहर के लोग कम करते हैं। क़ानून को लागू हुए अभी मात्र चार साल ही हुआ है, जो अभी शैश्वाकाल में ही है। और इतनी जल्दी संशोधन करना, वह भी बिना सूचना अधिकार कार्यकर्तायों की राय लिए, सरकार की नियत का खुलासा करता है।
सह संयोजक रॉबिन रंगकर्मी ने कहा कि जानकारी मांगने वाले के साथ हो रहे प्रशाशनिक प्रताड़ना का विरोध होना चाहिय।
भारतीय जनतांत्रिक जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष शत्रुघ्न साहू ने कहा कि एक तरफ बिहार सरकार पारदर्शी सरकार बताती है, वहीं दूसरी तरफ सूचना कानून में संसोधन कर नागरिकों को मिले हथियार को भी कमजोर करना चाहती है, जिसका विरोध होना चाहिय.
कल्याणी चौक पर सभा को संबोधित करने वाले प्रमुख लोगों में संगठन के महासचिव प्रोफ़ेसर निराला वीरेंदर, संस्कृतिकर्मी शशिकांत झा, एनएनएस के पूर्व समन्वयक डॉ विकास नारायण उपाध्याय, सामाजिक कार्यकर्ता शाहिद कमाल, रंजित जायसवाल, के नीरज, फूलदेव पटेल, विद्यासागर, सुजीत भारती, आनंद पटेल, भूषण ठाकुर, बीपी अखिलेश, विद्यासागर, सूर्य फिल्म्स के राजेश कुमार, अजित कुमार चौधरी आदि शामिल थे।
विरोध मार्च में कार्यकर्ता हाथ में काला छाता व् काला बैनर लेकर सरकार के विरोध में नारे लगा रहे थे। साथ ही, इससे सम्बंधित पर्चे भी बनते गए।

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